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प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ऐसा रहेगा पीएम मोदी का कार्यक्रम, रामजन्मभूमि में साढ़े चार घंटे तक रहेंगे प्रधानमंत्री
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर ऐसा रहेगा पीएम मोदी का कार्यक्रम, रामजन्मभूमि में साढ़े चार घंटे तक रहेंगे प्रधानमंत्री
सदियों की प्रतीक्षा अब समाप्त हो रही है, और सोमवार को एक ऐतिहासिक पल आने वाला है जब कमल नयन की अचल प्रतिमा वैदिक मंत्रों के बीच अपने दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित होगी। इस महत्वपूर्ण क्षण में रामनगरी, जो सनातन संस्कृति के स्वर्णिम कालखंड के रूप में चमक रही है, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। यह घड़ी रामलला के गर्भगृह के रूप में जाना जाता है, जिसे देशवासियों का दिल बहुत देर से बेताबी से इंतजार कर रहा है।
रामजन्मभूमि में प्रधानमंत्री मोदी करीब साढ़े चार घंटे तक रहेंगे, जिससे यह साबित होगा कि उनका आगमन इस ऐतिहासिक मौके पर कितना महत्वपूर्ण है। इस मौके पर, देशवासियों की बहुल आशीर्वाद और रामलला की प्रतीक्षा के सफल समापन का समर्थन करने के लिए, उनकी उपस्थिति से यह स्पष्ट होगा कि यह घड़ी सिर्फ एक व्यक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण संगीत है।
यह घड़ी 22 जनवरी को हो रहे राम मंदिर के उद्घाटन के समय के साथ मिलकर इसे और भी अधिक महत्वपूर्ण बनाती है। रामलला के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठान का आयोजन इस महत्वपूर्ण समय को और भी अद्वितीय बना रहेगा। सोमवार को 12.05 बजे से 12.55 के बीच इस मंदिर में आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठान रिट्वाल का हिस्सा होने की उम्मीद है।
राम मंदिर के शिलान्यास की घड़ी से सदियों से इंतजार कर रहे हिन्दू समुदाय के लोगों के लिए यह अद्वितीय पल होने जा रहा है। सत्यनारायण भगवान की अद्वितीय प्रतिमा को अपने स्थान पर स्थापित करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी अपनी उपस्थिति से इस साकार मूर्ति के पूजन में भी भाग लेंगे।
इस मौके पर देशवासियों की आत्मा में समर्पण और अद्वितीयता की भावना उत्कृष्ट होगी। इस साकार मूर्ति के प्रति उनकी श्रद्धांजलि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने के लिए देशवासियों को इस ऐतिहासिक पल को साझा करने का अद्वितीय और अनमोल अवसर मिलेगा।
इस साकार मूर्ति की प्रतिष्ठा के लिए भूमिपूजन से लेकर मंदिर के शिलान्यास और उद्घाटन तक का सफर, प्रधानमंत्री मोदी उन्हें अपने आत्मसमर्पण और समर्पण के साथ साथी बनाए रखने के लिए इस क्षण को महत्वपूर्ण मानते हैं।
इस महोत्सव की शुरुआत से ही देशवासियों में उत्साह और श्रद्धांजलि की भावना बढ़ रही है। राम मंदिर का निर्माण एक सांस्कृतिक, धार्मिक, और एकता की भावना का प्रतीक हो रहा है, जिससे देशवासियों में एक सजीव और आत्मनिर्भर सामराज्य की भावना बढ़ रही है।
सोमवार को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन के दिन, देशवासियों में गर्व और उत्साह की भावना होगी, जो इस ऐतिहासिक क्षण को और भी यादगार बनाएगी। यह एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें भारतीय संस्कृति, एकता, और समर्थन की भावना से युक्त हमारा राष्ट्र नए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊँचाइयों की ओर बढ़ेगा। इस शानदार पल के साथ, देशवासियों को राम मंदिर के प्रति उनकी आस्था और समर्पण की पुनः पुर्निर्माण करने का सुअवसर मिलेगा।
सोमवार की उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति इस अद्वितीय मौके को और भी रौंगत में बदलेगी और रामलला के भव्य मंदिर की शुरुआत के इस नए युग को और भी अर्थपूर्ण बनाएगी। देशवासियों को एक सजीव, एकत्र, और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ते हुए यह उत्कृष्ट समय एक नए भारत की शुरुआत का संकेत होगा।
साढ़े 10 बजे उतरेगा पीएम का वायुयान
इस पुण्य अवसर के साक्षात्कारी बनने के लिए प्रधानमंत्री का वायुयान उन्हें सुबह साढ़े दस बजे के करीब उस एयरपोर्ट पर पहुंचाएगा, जिसका नामकरण रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के नाम पर हुआ है। यह एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में स्थित है।
प्रधानमंत्री इसके बाद हेलीकॉप्टर से साकेत महाविद्यालय के हेलीपैड पर पहुंचेंगे, जहां से सड़क मार्ग से होते हुए दोपहर 11 बजे तक वे राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचेंगे।
उनकी आगमन के बाद, एक घंटे तक परिसर का अवलोकन और भेंट-भावना से उनका समय बितेगा। इसके बाद, वह वहीं अनुष्ठान के लिए तैयारी करेंगे और एक घंटे के बाद प्राण प्रतिष्ठा के लिए गर्भगृह में प्रवेश करेंगे।
इस अद्वितीय पर्व के दौरान, प्रधानमंत्री का समर्पण और आत्मसमर्पण यह साबित होगा, जो रामलला के मंदिर के निर्माण में सकारात्मक समर्थन को दर्शाएगा। यह महत्वपूर्ण क्षण देशवासियों के लिए एक ऐतिहासिक और उत्कृष्ट समय होगा, जिसमें वे अपनी भावनाओं को साझा करेंगे और राम मंदिर के निर्माण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुनर्निर्माण करेंगे।
यह समय भारतीय संस्कृति, समृद्धि, और एकता के प्रति उनकी अद्वितीय प्रतिबद्धता का भी प्रतीक होगा, जो एक नए भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
50 मिनट तक होगी प्राण प्रतिष्ठा
इसके बाद, करीब 50 मिनट तक वह अद्भुत समय आने वाला है, जिसमें 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हो जाएगी। इस अद्भुत पल में सात हजार से अधिक उत्कृष्ट व्यक्तियां भी उपस्थित रहेंगीं। प्रधानमंत्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद, वे प्रमुख अतिथियों को संबोधित करेंगे।
इसके बाद, दोपहर दो बजे से ढाई बजे के बीच, प्रधानमंत्री वहाँ कुबेर टीले पहुंचेंगे, जहां कहा जाता है कि स्वयं कुबेर ने शिवलिंग की स्थापना की थी। इसी स्थान पर, जटायु की प्रतिमा भी स्थापित है। उनके शिव दर्शन के बाद, प्रधानमंत्री रामनगरी से रवाना होंगे, इससे इस अत्यंत पवित्र प्रस्थान का समापन होगा।
13 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात
प्रधानमंत्री के साथ-साथ आयोजित महोत्सव की सुरक्षा को लेकर रामनगरी में अभूतपूर्व प्रबंध किए गए हैं। इस क्षेत्र में 11 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 13 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी प्रयुक्त की जा रही है।
26 जनवरी तक हाई अलर्ट
हाल ही में रामनगरी में तीन खालिस्तानी संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद, 26 जनवरी तक इस क्षेत्र में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। जिले में चेकिंग को बढ़ावा दिया गया है, और इसके साथ ही रेलवे ट्रैक की भी सख्त निगरानी हो रही है। रामनगरी के आसपास के जिलों में भी पुलिस सुरक्षा बढ़ाने के लिए पैरामिलिट्री कंपनियों को रिजर्व में रखा गया है।
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